बिजनेस डेस्क:
अगर आप यूपीआई ऐप्स जैसे Gpay, Paytm, PhonePe, या BharatPe का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यूपीआई प्लेटफॉर्म्स को उन अकाउंट्स को बंद करना होगा, जो पिछले एक साल से इनएक्टिव हैं। इस निर्देश के तहत, 31 दिसंबर के बाद उन अकाउंट्स को बंद कर दिया जाएगा, जिनकी यूपीआई आईडी पर पिछले 12 महीनों में कोई भी ट्रांजेक्शन नहीं हुआ है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
इस फैसले का मुख्य कारण भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश हैं। TRAI के अनुसार:
- 90 दिनों में सिम कार्ड री-इश्यू: अगर कोई मोबाइल नंबर 90 दिनों तक उपयोग में नहीं आता है, तो वह टेलीकॉम कंपनियों द्वारा नए यूजर को जारी किया जा सकता है।
- बैंक और यूपीआई से जुड़े जोखिम: समस्या तब होती है जब यह नंबर किसी बैंक अकाउंट या यूपीआई आईडी से जुड़ा हो। अगर पुराने यूजर ने अपने बैंक और यूपीआई अकाउंट्स में नया नंबर अपडेट नहीं किया है, तो नए नंबर होल्डर के पास बैंक और यूपीआई एक्सेस का खतरा पैदा हो सकता है।
इससे बचने के लिए NPCI ने सभी यूपीआई ऐप्स को आदेश दिया है कि वे पिछले एक साल से इनएक्टिव अकाउंट्स को डीएक्टिवेट करें।
NPCI का निर्देश
NPCI ने अपने सर्कुलर में TPAP (थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर) और PSP (पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर) बैंकों को कहा है कि वे उन ग्राहकों की पहचान करें, जिन्होंने पिछले 12 महीनों से कोई वित्तीय या गैर-वित्तीय लेनदेन नहीं किया है।
सर्कुलर की मुख्य बातें:
- इनएक्टिव यूपीआई आईडी और फोन नंबरों को यूपीआई मैपर से हटाया जाएगा।
- इनवर्ड क्रेडिट लेनदेन (जैसे किसी अन्य व्यक्ति से पैसे प्राप्त करना) को ब्लॉक किया जाएगा।
- यूपीआई आईडी को फिर से एक्टिवेट करने के लिए ग्राहकों को ऐप पर दोबारा रजिस्ट्रेशन करना होगा और अपनी यूपीआई आईडी को लिंक करना होगा।
यूजर्स के लिए क्या करें?
अगर आप नहीं चाहते कि आपका अकाउंट बंद हो, तो इन टिप्स को फॉलो करें:
- अपनी यूपीआई आईडी को एक्टिव रखें।
- समय-समय पर छोटे लेनदेन करते रहें।
- यदि आपने मोबाइल नंबर बदला है, तो तुरंत अपने बैंक और यूपीआई ऐप्स में नया नंबर अपडेट करें।
- अपने यूपीआई ऐप्स के जरिए नियमित रूप से बैलेंस चेक, रिचार्ज या अन्य ट्रांजेक्शन करें।
कैसे प्रभावित होंगे यूजर्स?
- इनएक्टिव यूजर्स: जिनका अकाउंट डीएक्टिवेट होगा, उन्हें दोबारा यूपीआई सेटअप करना पड़ेगा।
- एक्टिव यूजर्स: अगर आप नियमित तौर पर यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको किसी बदलाव की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
निष्कर्ष
NPCI का यह कदम यूजर्स की सुरक्षा और फ्रॉड को रोकने के लिए लिया गया है। यह सुनिश्चित करता है कि किसी का पुराना नंबर, जिसे दूसरे यूजर को जारी किया गया हो, उसकी यूपीआई आईडी के गलत उपयोग का जोखिम न बने। यूपीआई का इस्तेमाल जारी रखने के लिए सुनिश्चित करें कि आप समय-समय पर ट्रांजेक्शन करते रहें और अपने रजिस्टर मोबाइल नंबर को अपडेट रखें।
अपना यूपीआई अकाउंट एक्टिव रखें और सुरक्षित रहें।