Indian Railways: इंडियन रेलवे में सफर करने के लिए आप भी टिकट बुक करते होंगे। कई बार आपका टिकट कंफर्म नहीं होता है, तो वेटिंग में आपको टिकट मिलता है। अगर आप भी वेटिंग टिकट लेकर कन्फर्मेशन का इंतजार कर रहे हैं, तो कई बार आपको कन्फ्यूजन हुआ होगा। यात्रियों में इस वेटिंग टिकट को लेकर बहुत ज्यादा कन्फ्यूजन रहता है। कई बार यात्रियों को यह अंदाजा नहीं होता है कि उनका वेटिंग टिकट कंफर्म होगा या नहीं। ऐसे में ट्रेन की यात्रा करना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है।
ऑफिस में बहुत सारे लोग रोजाना ट्रेन से यात्रा करके जाते हैं। ऐसे में अगर उनका वेटिंग टिकट में नंबर आ गया है, तो कब तक उनका टिकट कंफर्म हो जाएगा, इसकी जानकारी होना जरूरी है।
Indian Railways वेटिंग टिकट फार्मूला
इंडियन रेलवे द्वारा जितने भी टिकट वेटिंग लिस्ट में होते हैं, उनको कंफर्म किया जाता है। लेकिन, कौन से यात्री का टिकट कंफर्म होगा, इसका अंदाजा लगाना बहुत ज्यादा मुश्किल है। अगर आप वेटिंग में अपना टिकट बुकिंग करवा लेते हैं, तो वेबसाइट कई बार गलत टिकट को कंफर्म कर देती है। इसके लिए भारतीय रेलवे द्वारा वेटिंग लिस्ट का जो फार्मूला है, उसके बारे में आपको पता होना जरूरी है कि कौन से फार्मूले का उपयोग करके कंफर्म टिकट किया गया है।
वेटिंग लिस्ट होती है 500 के पार
फेस्टिवल सीजन में कई बार वेटिंग लिस्ट की लंबाई 500 के पार पहुंच जाती है। कई बार पिक टाइम में कंफर्मेशन की संभावना भी बहुत कम होती है। वेटिंग लिस्ट में दो प्रकार से आपका टिकट कंफर्म किया जाता है।
पहले है नॉर्मल कैंसिलेशन के आधार पर। अगर दूसरे किसी व्यक्ति को इमरजेंसी कोटा के माध्यम से टिकट दिया जाता है। ऐसी एक रिपोर्ट अब तक मिल चुकी है कि 21% यात्री ट्रेन टिकट बुक करने के बाद भी उसे कैंसिल कर देते हैं। जितने भी टिकट कैंसिल होते हैं, उनके स्थान पर वेटिंग लिस्ट वालों का नंबर आ जाता है।
स्लीपर कोच में 14 सीट खाली होने पर
स्लीपर कोच में बेहतर सीट होती हैं। इसमें से ज्यादातर समय देखा जाता है कि 14 सीट मिनिमम खाली रहती हैं। सामान्य तौर पर जो भी यात्री टिकट खरीदते हैं, उनमें से चार से पांच प्रतिशत स्लीपर कोच की टिकट को कैंसिल कर देते हैं। ऐसे में अगर आपका स्लीपर कोच का टिकट वेटिंग लिस्ट में है, तो आपकी बुकिंग की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।