Apple पर जासूसी का आरोप: सीरी केस में 815 करोड़ का जुर्माना, जानें पूरी खबर

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दुनिया की मशहूर तकनीकी कंपनी एपल पर बड़ा आरोप लगा है। इस पर अपने वर्चुअल असिस्टेंट सीरी के जरिए उपयोगकर्ताओं की बातचीत को गुप्त रूप से रिकॉर्ड करने का आरोप है। मामले को लेकर एपल ने 9.5 करोड़ डॉलर (लगभग 815 करोड़ रुपये) का जुर्माना भरने पर सहमति जताई है। यह मामला लगभग 5 साल पुराना है, जिसमें यह दावा किया गया कि एपल ने उपयोगकर्ताओं की रिकॉर्ड की गई बातचीत का इस्तेमाल विज्ञापनदाताओं के साथ साझा करने के लिए किया।

क्या है पूरा मामला?

एपल पर यह आरोप लगाया गया है कि उसने अपने आईफोन और वर्चुअल असिस्टेंट सीरी का उपयोग गुप्त रूप से उपयोगकर्ताओं की बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए किया। आरोप के अनुसार, रिकॉर्ड की गई बातचीत को विज्ञापनदाताओं को उपलब्ध कराया गया ताकि वे उपयोगकर्ताओं की रुचियों के आधार पर उन्हें उत्पाद बेच सकें।

समझौते की स्थिति

एपल ने इस मुकदमे को निपटाने के लिए अदालत में 9.5 करोड़ डॉलर के भुगतान पर सहमति जताई है। हालांकि, कंपनी ने किसी भी गलती को स्वीकार नहीं किया है। समझौते का अंतिम फैसला 14 फरवरी को ओकलैंड की संघीय अदालत में होगा।

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उपभोक्ताओं को मिलेगा मुआवजा

यदि अदालत इस समझौते को मंजूरी देती है, तो 17 सितंबर 2014 से 2022 के अंत तक आईफोन और अन्य एपल डिवाइस का उपयोग करने वाले उपभोक्ता मुआवजे का दावा कर सकते हैं। प्रत्येक डिवाइस के लिए उपयोगकर्ताओं को 20 डॉलर (लगभग 1,600 रुपये) तक मिल सकते हैं। हालांकि, यह राशि दावों की संख्या पर निर्भर करेगी और इसमें बदलाव हो सकता है।

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एपल पर जुर्माने का असर

यह जुर्माना एपल के मुनाफे के मुकाबले बहुत छोटा है। सितंबर 2014 से अब तक, एपल ने 705 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया है। यदि यह मामला अदालत में आगे बढ़ता और एपल दोषी पाया जाता, तो उसे और अधिक जुर्माना भरना पड़ सकता था।

एपल को उठाने होंगे कदम

समझौते के अनुसार, एपल को यह सुनिश्चित करना होगा कि अनजाने में रिकॉर्ड की गई बातचीत को हटा दिया गया है। साथ ही, कंपनी को यह स्पष्ट करना होगा कि सीरी द्वारा उपयोग किए गए वॉइस डाटा का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा।

समझौते का मतलब उपभोक्ताओं के लिए

यह मामला उपभोक्ताओं के लिए एक सबक है कि उनकी गोपनीयता का ध्यान रखना कितना महत्वपूर्ण है। इस घटना ने बड़ी टेक कंपनियों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े किए हैं। उपयोगकर्ताओं को भी अपने डिवाइस की सेटिंग्स को ध्यान से समझना चाहिए और अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

निष्कर्ष

एपल जैसे बड़े ब्रांड पर इस तरह के आरोप गंभीर हैं। हालांकि, कंपनी ने समझौते के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन यह घटना गोपनीयता के महत्व को फिर से रेखांकित करती है। उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की जरूरत है और टेक्नोलॉजी का उपयोग करते समय अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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