GST विभाग ने जारी किया नया URL: अब आसानी से बनाएं e-Invoice और e-Way Bill

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31 दिसंबर की दोपहर के बाद जीएसटी के ई-इनवॉइस और ई-वे बिल पोर्टल का सर्वर अचानक डाउन हो जाने के कारण व्यापारी और ट्रांसपोर्टर काफी परेशान हो गए। ई-इनवॉइस और ई-वे बिल जनरेट न हो पाने से माल की आवाजाही रुक गई और व्यापारियों को अपनी गाड़ियां लोडेड अवस्था में खड़ी रखनी पड़ी। यह समस्या खासकर महीने की आखिरी तारीख पर होने के कारण व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों के लिए और भी गंभीर बन गई।

GST विभाग ने किया समस्या का समाधान

इस समस्या को ध्यान में रखते हुए जीएसटी विभाग ने तुरंत कार्रवाई की और दो नए URL जारी किए हैं। इन नए यूआरएल के माध्यम से व्यापारी और ट्रांसपोर्टर अब आसानी से e-Invoice और e-Way Bill बना सकते हैं।

नई URLs:

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  1. ई-इनवॉइस पोर्टल
  2. ई-वे बिल पोर्टल

ये नए लिंक व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों के लिए काफी मददगार साबित हो रहे हैं, खासकर उन दिनों में जब सर्वर की अधिक लोडिंग की संभावना होती है।

ई-इनवॉइसिंग: बड़े व्यापारियों के लिए अनिवार्य

बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) बड़े व्यापारियों के लिए ई-इनवॉइसिंग अनिवार्य कर दी गई है। जिन व्यापारियों की वार्षिक बिक्री 5 करोड़ रुपये से अधिक है, उन्हें हर इनवॉइस के लिए ई-इनवॉइसिंग करनी होती है। चाहे वह किसी अन्य व्यापारी को माल भेज रहे हों या उनसे माल मंगा रहे हों। इसके साथ ही क्रेडिट नोट और डेबिट नोट के लिए भी ई-इनवॉइसिंग जरूरी होती है।

ई-इनवॉइसिंग और ई-वे बिल सिस्टम व्यापार में पारदर्शिता और सुगमता लाने के लिए बनाए गए हैं। हालांकि, महीने की आखिरी तारीखों में सर्वर की तकनीकी समस्याएं व्यापारियों के लिए बड़ी चुनौती बन जाती हैं।

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व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों की परेशानियां

पोर्टल का सर्वर डाउन होने से व्यापारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा:

  • माल की डिलीवरी में देरी हुई।
  • गाड़ियां लोडेड अवस्था में खड़ी रहीं।
  • क्रेडिट नोट और डेबिट नोट जनरेट नहीं हो पाए।

ये सभी समस्याएं व्यापार संचालन को बाधित करती हैं और महीने की क्लोजिंग प्रक्रिया को और जटिल बना देती हैं।

नया URL: राहत की सांस

नए URLs के जारी होने से व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों को बड़ी राहत मिली है। अब वे बिना किसी रुकावट के ई-इनवॉइस और ई-वे बिल जनरेट कर सकते हैं।

नए URL का उपयोग कैसे करें:

  1. जीएसटी के आधिकारिक पोर्टल पर जाएं।
  2. नए लिंक पर क्लिक करें।
  3. लॉगिन करें और आवश्यक विवरण भरें।
  4. अपने ई-इनवॉइस या ई-वे बिल को आसानी से जनरेट करें।

निष्कर्ष

जीएसटी के ई-इनवॉइस और ई-वे बिल सिस्टम व्यापार में पारदर्शिता और सुविधा लाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, तकनीकी समस्याएं कभी-कभी बाधा बन सकती हैं। जीएसटी विभाग द्वारा नए URLs जारी करना एक सराहनीय कदम है, जिससे व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों को बड़ी राहत मिली है। अब वे बिना किसी रुकावट के अपने काम को जारी रख सकते हैं और व्यापार संचालन को सुगम बना सकते हैं।

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